अब भारत बनाएगा हाईटेक उपकरणों का भविष्य, रेयर मेटल्स में आत्मनिर्भरता की ओर कदम
नई दिल्ली। रेयर अर्थ एलिमेंट्स का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक चीन ने इसके निर्यात पर अप्रैल में प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके असर भारत समेत दुनिया के कई बड़े देशों पर पड़ा। रेयर अर्थ एलिमेंट्स का इस्तेमाल मुख्य तौर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल और प्रमुख ऑटो पार्ट्स को बनाने में किया जाता है।
चीन द्वारा Rare Earth Elements के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत ने इसके उत्पादन में और भी तेजी ला दी है। भारत की माइनिंग कंपनियां दुर्लभ खनिजों की माइनिंग में लगी हैं। इसी कड़ी में देश की लीडिंग माइनिंग कंपनी वेदांता की सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को यूपी सरकार से दुर्लभ खनिजों की माइनिंग करना का ठेका मिला है।
कंपनी को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 210.01 हेक्टेयर में फैले नवाटोला-लाबंद रेयर अर्थ एलिमेंट (REE) ब्लॉक पर माइनिंग करने के लिए कंपोजिट लाइसेंस देने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट प्राप्त हुआ है।
LoI मिलने पर क्या बोले हिंदुस्तान जिंक के CEO
इस बिड को जीतने पर हिंदुस्तान जिंक के CEO अरुण मिश्रा ने कहा, "हिंदुस्तान जिंक के पास रेयर अर्थ एलिमेंट्स में गहन विशेषज्ञता है। यह अधिग्रहण तेजी से आर्थिक विकास के लिए देश के खनिज सुरक्षा लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में हमारे रणनीतिक कदम के अनुरूप है।"
मिनरल ऑक्शन रूल 2015 के नियम 18(1) के तहत हिंदुस्तान जिंक को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया। कंपनी ने भारत सरकार द्वारा आयोजित ई-नीलामी में भाग लिया था। सरकार ने हिंदुस्तान जिंक को पसंदीदा बोलीदाता के रूप में नामित किया।
वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक है। कंपनी NSE और BSE दोनों जगह लिस्टेड है। शुक्रवार को हिंदुस्तान जिंक के शेयर 0.24 फीसदी गिरकर 444.50 रुपये के स्तर पर बंद हुए।
भारत के पास कितना है रेयर अर्थ एलिमेंट्स का भंडार
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है जिसके पास रेयर अर्थ एलिमेंट्स का भंडार है। हिंदुस्तान के पास 6.9 बिलियन मीट्रिक टन रेयर अर्थ एलिमेंट्स का भंडार है। उत्पादन के मामले में हम पांचवें नंबर पर हैं। लेकिन धीरे-धीरे दुर्लभ खनिज का उत्पादन देश में बढ़ रहा है।
चीन के पास रेयर अर्थ एलिमेंट्स का सबसे बड़ा भंडार है और वह इसका सबसे बड़ा उत्पादक भी है। भारत ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स को लेकर चीन पर अपनी निर्भरता कम कर दी है।