रांची: वृंदावन और मथुरा की गलियों में सिर्फ राधा-कृष्ण के किस्से सुनने के लिए मिलते हैं. इन शहरों में कई चमत्कारी मंदिर बने हैं. लेकिन आप चाहें तो मिनी झारखंड की खूबसूरती का भी आनंद उठा सकते हैं, जो रांची के चुटिया में बना है. यहां राधा-कृ्ष्ण का ऐसा मंदिर है, जहां वो दर्शन देते हैं. रात के अंधेरे में इस मंदिर को बंद कर दिया जाता है. सालों से शाम होते ही बांसुरी और घुंघरू की आवाजों का रहस्य बना हुआ है.

क्या है इस मंदिर का इतिहास
नागवंशी राजाओं ने इस मंदिर को बनवाया था. चैतन्य महाप्रभु ने इस जगह पर विश्राम किया था. धीरे-धीरे लोगों ने यहां पूजा करना शुरू किया. इसके बाद राजा ने मंदिर को बनवाया. मंदिर 500 साल पुराना है. महाप्रभु के पद चिन्ह आज भी इस मंदिर में दिखते हैं. लोगों का कहना है कि इस मंदिर में पूजा करने से हर एक मनोकामना पूरी होती है.

रात को आती है बांसुरी की आवाज
इस मंदिर मे हर रात बांसुरी की आवाज सुनाई देती है. ध्वनि इतनी मनोरम और मधुर होती है कि जैसे खुद भगवान श्री कृष्ण बांसुरी बजा रहे हों. पायल के घुंघरू की भी छन-छीन आवाज आती है. सिर्फ झारखंड ही नहीं दूर-दूर से लोग इस मंदिर में पहुंचते हैं. इस मंदिर में राधा रानी का कुंड भी मौजूद है. पुजारी कहते हैं, ‘जब भगवान नृत्य करते हैं तो उन्हें कोई नहीं देखता. भगवान गोपियों के साथ इस मंदिर में नृत्य करते हैं को घुंघरू की आवाज आती है. कई साधक हैं, जो घुंघरू की आवाज सुन पाते हैं. लेकिन हर कोई नहीं सुन पाता.वहीं, अगर किसी ने प्रभु की लीला के दर्शन किए तो उनको नुकसान पहुंचता है.’

5 बजे बंद हो जाता है प्रवेश
5 बजे के आसपास इस मंदिर में ताला लगा दिया जाता है. मान्यता है कि राज के वक्त इस मंदिर में भगवान रासलीला करते हैं. इस दौरान गलती से भी मंदिर के आसपास जाना मना होता है. एक दफा मंदिर को किसी ने चाबी चुराकर मंदिर को खोलने की कोशिश की भी थी. लेकिन वो सीढ़ियों पर ही गिर गया था. मंदिर के आसपास रहने वाले लोग शाम के वक्त घर की खिड़की और दरवाजे भी बंद कर देते हैं.


शादी न हो तो इस मंदिर में आते हैं लोग
सालो पहले 35 साल की एक लड़की इस मंदिर में आई थी. उसकी शादी नहीं हो पा रही थी. लेकिन मंदिर में आने के बाद 1 साल के अंदर शादी हो गई. इसके बाद से लोग शादी से जुड़ी हर एक मनोकामना मांगने इस मंदिर में आते हैं.

मिलता है हर परेशानी का हल
इस मंदिर में लोगों की हर परेशानी दूर हो जाती है. कहना है कि झगड़े और क्लेश से जुड़ी दिक्कतों का हल इस मंदिर में भगवान देते हैं. खासतौर पर जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर में बहुत भीड़ लगती है. इस मंदिर में सुबह-शाम आरती होती है.

जानिए पहुंचे कैसे
इस मंदिर में पहुंचने के लिए आपको रांची के चुटिया रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा. आप चाहें को रांची से बस से भी यहां पहुंच सकते हैं. रांची से कई बस और टैक्सी आपको कम खर्च में चुटिया पहुंचा सकती है.