नई दिल्ली । नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के मरम्मत लागत एवं अन्य आकस्मिक खर्चों पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें खुलासा हुआ कि करीब 15.54 करोड़ रुपये का बकाया अभी भी वसूला नहीं जा सका। इसमें नाकामी के खिलाफ चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार डीएमआरसी ने अनुरूप निर्माण गुणवत्ता और अवधि की खामियों को दूर करने के लिए ठेकेदार से 11.85 करोड़ रुपये की मरम्मत की कार्यवाही करवाई। इसके अलावा आवंटियों को वैकल्पिक आवास में स्थानांतरित कराने और कई अन्य खर्चों के कारण 7.81 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खर्च उठाए गए हैं। कुल मिलाकर डीएमआरसी ने विभिन्न कारणों से 19.66 करोड़ रुपये का खर्च किया, जो कैग के मुताबिक काम की खराब गुणवत्ता की भरपाई के लिए है। वहाँ पर कारयान्वयन से जुड़ी सुलह प्रक्रिया में भी किसी के साथ ठीक से समझौता नहीं किया गया है, जिससे कलेक्ट किए गए 4.12 करोड़ रुपये में से केवल एक भाग ही वसूल पाया गया। कैग की रिपोर्ट ने डीएमआरसी को मरम्मत कार्य में पाए गए खामियों की जांच करने की सलाह दी है और भविष्य में इस तरह की गलतियों को रोकने के लिए कठोर कार्रवाई की आवश्यकता को जताया है।