तिरुपति । हर राज्य में भव्य तिरुपति मंदिर बनाए जाएंगे, इसको लेकर भारत का सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट योजना पर काम कर रहा है। आंध्र प्रदेश में तिरूपति के पर्याय भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की मूर्तियां देश भर में जम्मू, नवी मुंबई, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों में बनाई जा रही हैं। यह दुनिया के सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की एक महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। इसके तहत भारत के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में तिरुपति मंदिर की कम से कम एक प्रतिकृति का निर्माण कर भगवान बालाजी की अखिल भारतीय उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। साल 1933 में स्थापित टीटीडी ट्रस्ट शुरू में केवल कुछ मुट्ठी भर मंदिरों के मामलों का प्रबंधन करता था, जिसमें तिरुमाला में प्रतिष्ठित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, तिरुचनूर में श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर और तिरुपति में श्री गोविंदराज स्वामी मंदिर शामिल थे। लेकिन ट्रस्ट की स्थापना के बाद से नौ दशकों में, इसने पूरे भारत में भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित 58 मंदिरों की स्थापना की है। हालांकि, उनमें से अधिकांश दक्षिणी राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में स्थित हैं।
टीटीडी ने सबसे पहले आंध्र में मंदिरों के निर्माण के लिए अधिग्रहण शुरू किया था। इस क्षेत्र के बाहर पहला मंदिर ट्रस्ट ने साल 1969 में उत्तराखंड के ऋषिकेश में बनाया था। इसके बाद साल 2019 में कन्याकुमारी में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की स्थापना कर विस्तार किया गया। हाल ही में, 8 जून को जम्मू में एक मंदिर खोला गया था, जहां अभी देश के गृह मंत्री अमित शाह भी दर्शन करने पहुंचे थे। ट्रस्ट गुजरात के गांधीनगर, छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिहार में तीन और मंदिर बनाने पर विचार कर रहा है, जिसको लेकर नीतीश कुमार सरकार के साथ चर्चा भी चल रही है। ट्रस्ट ने हाल ही में महाराष्ट्र में भी भगवान बालाजी मंदिर की नींव रखी है। राज्य सरकार ने नवी मुंबई में लगभग 600 करोड़ रुपए की 10 एकड़ प्रमुख भूमि आवंटित की, जहां टीटीडी मंदिर के निर्माण पर करीब 70 करोड़ रुपए खर्च करेगा।