मप्र में रोजगार की बहार
भोपाल । प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए मोहन सरकार ने जहां एक ओर द्योगिकीकरण पर फोकस किया है, वहीं अब सरकारी नौकरियों का पिटारा भी खोलने जा रही है। मप्र में सरकारी भर्ती से जुड़ी हुई बड़ी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा पर वित्त विभाग ने अमल किया है। आने वाले 5 सालों के भीतर सरकार ढाई लाख सरकारी पदों पर भर्ती करेगी। वित्त विभाग ने सभी विभागों को भर्ती की प्रक्रिया के लिए अनुमति दी है।
पिछले दिनों मुख्य सचिव अनुराग जैन ने भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिकारियों से खाली पदों की जानकारी मांगी थी। साल 2028-29 तक भर्ती की प्रक्रिया पूरी होगी। राज्य प्रशासनिक सेवा के साथ एम्पलाई सिलेक्शन बोर्ड को भी निर्देश दिए है। समय पर परीक्षा कराने के लिए वित्त विभाग ने आदेश जारी किया है। भर्ती के नियमों का पालन करने के साथ आरक्षण को भी लागू करने के निर्देश दिए है। भर्ती प्रक्रिया के साथ विभागवार खाली पदों को भरने के लिए वित्त विभाग ने फार्मूला बनाया है। पहले साल 8 और उसके बाद दो सालों के भीतर 66 प्रतिशत खाली पदों पर भर्ती होगी।
5 साल में होंगी ढाई लाख भर्तियां
प्रदेश सरकार ने रिक्त सरकारी पदों को भरने के लिए नियम और फॉर्मूला तैयार कर लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसका पूरा ब्योरा तैयार कर सभी विभागों को भेजा है। इसके तहत अगले पांच साल में ढाई लाख पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके लिए हर साल परीक्षा कैलेंडर जारी होगा। विभागों को तय फॉर्मूला के अनुसार ही रिक्त पदों को भरना होगा। प्रदेश के सरकारी विभागों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालकों के पदों की पूर्ति आउटसोर्स के जरिए होगी। अति आवश्यक होने पर इन पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग से मंजूरी लेना होगी। सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए कर्मचारी चयन मंडल, मप्र लोक सेवा आयोग और अन्य संस्थानों ने अगर रिक्त पदों पर 30 अक्टूबर तक परीक्षा करा ली है और नियुक्ति की जाना है, तो उसे निरस्त नहीं माना जाएगा। वहीं, 13 अगस्त, 2021 में मुख्य रूप से संवर्ग में स्वीकृत पदों के आधार पर 5 फीसदी पदों की सीधी भर्ती से पदपूर्ति करने हेतु प्रशासकीय विभाग को अधिकृत किया गया था, उसे अब 2028-29 तक के लिए स्थगित कर दिया है।
रिक्त पदों की की जाएगी गणना
प्रदेश में सरकारी पदों पर भर्ती के लिए सरकार ने जो फॉर्मूला बनाया है उसके अनुसार सबसे पहले प्रत्येक संवर्ग में 1 अप्रैल, 2024 की स्थिति में सीधी भर्ती के रिक्त पदों की गणना की जाएगी। ऐसे पद जो कर्मचारी चयन मंडल, एमपीपीएससी या अन्य संस्थानों द्वारा भरे जा रहे है, रिक्त पदों की गणना में सम्मिलित नहीं होंगे। ऐसे 13 फीसदी पद जो पिछड़ा वर्ग के लिए अंतिम परीक्षा परिणाम के उपरांत रोके गए हैं, इनको भी रिक्त पदों की गणना में नहीं लिया जाएगा।
33 फीसदी से कम पद खाली तो एक बार में होगी भर्ती
प्रदेश के विभागों में खाली पड़े पदों के लिए जो फॉर्मूला बनाया गया है उसके अनुसार 33 फीसदी से कम पद रिक्त हैं, तो एक बार में सभी रिक्त पदों को भरा जाएगा। 33 फीसदी अथवा अधिक और 66 फीसदी से कम पद रिक्त होने पर वर्ष 2024-25 में 8 फीसदी, 2025-26 में 46 प्रतिशत और तीसरे साल 2026-27 में 46 फीसदी पदों पर भर्ती होगी। 66 फीसदी अथवा अधिक पद रिक्त होने पर प्रथम वर्ष 2024-25 में 8 फीसदी, साल 2025-26 में 31 फीसदी, साल 2026-27 में 31 फीसदी और चौथे साल 2027- 28 में 30 फीसदी पद भरे जाएंगे। 25 प्रतिशत अथवा अधिक और 50 फीसदी से कम पद होने पर 2024-25 में 8 फीसदी, साल 2025-26 में 46 फीसदी और साल 2026-27 में 46 प्रतिशत पद भरे जाएंगे। 50 प्रतिशत अथवा अधिक और 75 प्रतिशत से कम पद होने पर साल 2024-25 में 8 फीसदी, 2025-26 में 31 फीसदी, 2026-27 में 31 और 2027-28 में 30 फीसदी पद भरे जाएंगे। 75 फीसदी अथवा अधिक पद खाली होने पर 2024-25 में 8, साल 2025-26 में 23 फीसदी, साल 2026-27 में 23 फीसदी और 2027-28 में 23 फीसदी पद भरे जाएंगे।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एक इंक्रीमेंट का लाभ
प्रदेश में 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को एक इंक्रीमेट (वार्षिक वेतन वृद्धि) का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके आधार पर ही उनकी पेंशन का निर्धारण भी होगा। 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को 1 जुलाई को और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को 1 जनवरी की स्थिति में उनकी पात्रता के अनुसार एक इंक्रीमेट व पेंशन का निर्धारण होगा। वित्त विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों, अध्यक्ष राजस्व मंडल, सभी संभागायुक्तों, विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को आदेश जारी किए है। गत 12 नवंबर को कैबिनेट ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद वित्त विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए है। सरकार के इस फैसले से 48 हजार 661 पेंशनरों/परिवार पेंशनरों को लाभ होगा। एरियर्स की राशि के भुगतान पर सरकारी खजाने पर 48.51 करोड़ का भार आएगा।