बजट की तैयारी में जुटा वित्त विभाग

भोपाल। लोकसभा चुनाव के चलते 1.45 लाख करोड़ रूपए के अंतरिम बजट से काम चला रही मप्र सरकार जुलाई में  वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेगी। इसके लिए वित्त विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि इस बार बजट में सरकार जहां जनता को कई सहुलियतें दे सकती है, वहीं संविदाकर्मियों और मजदूरों का मेहनताना बढ़ाएगी। इसके लिए वित्त विभाग ने खाका तैयार करना शुरू कर दिया है।
 गौरतलब है की फरवरी में मप्र विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट यानी लेखानुदान पेश किया है। यह बजट अप्रैल से जुलाई के लिए है। इसके लिए 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। अंतरिम बजट में न तो किसी नए टैक्स का और न ही किसी नई योजना को शामिल किया गया। इसमें कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 4 प्रतिशत डीए और महंगाई राहत का प्रावधान किया गया।

अब पूर्ण बजट की तैयारी


प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बीच ही अब वित्तीय वर्ष 2024-25 के नए बजट को लेकर वित्त विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। वित्त विभाग ने नया बजट तैयार करने कार्यक्रम तैयार कर लिया है, विभागों से बजट को लेकर चर्चा का दौर शुरू करने की भी तैयारी है, इधर वित्त ने सभी विभागों से नए बजट को लेकर प्रस्ताव मांगें हैं। यदि कोई विभाग नई योजना संचालित करना चाहता है तो नए योजनाओं संबंधी प्रस्ताव हर हाल में 17 जून तक वित्त विभाग को भेजना होगा। वित्त विभाग ने सभी विभागों को ताकीद किया है कि वे बजट सीलिंग के दायरे में ही तैयार करेंगे। वित्त ने नए बजट को लेकर विभागों को जो निर्देश दिए हैं, उसके मुताबिक संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में बढ़ोतरी के लिए 8 प्रतिशत अधिक राशि का प्रावधान बजट प्रस्ताव में करना होगा, इसी तरह मजदूरी में भी कम से 5 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव विभागों को देना होगा, वहीं डीजल, पेट्रोल जैसे मद में 5 फीसदी बढ़ोतरी की जा सकेगी। लोकसभा चुनाव के कारण प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए फरवरी में पूर्ण बजट पेश नहीं किया जा सका था केवल लेखानुदान पेश किया जा सका था, ये लेखानुदान 4 माह की अवधि के लिए था, यानी अप्रैल से जुलाई की अवधि तक। 12 फरवरी को पेश लेखानुदान एक लाख 45 हजार 229 करोड़ 55 लाख 56 हजार रुपए का था, ये अनुमान से अधिक था, ये इसलिए कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की अवधि का बजट 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए का। था। ऐसे में ये अनुमान लगाया जा रहा था कि जब वित्तीय वर्ष 2024-25 की अवधि में शुरुआती 4 माह के खर्च के लिए जो लेखानुदान पेश किया जाएगा, वह लगभग एक लाख 25 हजार करोड़ रुपए के भीतर ही होगा, लेकिन उम्मीदों से बढकऱ लेखाानुदान पेश किया गया।

 विभागों से मांगे प्रस्ताव


वित्त विभाग ने जो कार्यक्रम तैयार किया है उसके मुताबिक प्रशासकीय विभागों द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान के प्रस्ताव 20 मई तक वित्त विभाग को देना होगा, विभागों द्वारा नई योजना के प्रस्ताव 17 जून तक हर हाल में वित्त विभाग को भेजना होगा। वित्त विभाग ने नए बजट के लिए विभागों को जो निर्देश दिए हैं उसके मुताबिक विभाग प्रतिबद्ध देयताएं जैसे वेतन भत्ते, ऋण भुगतान, एन्यूटी भुगताना एवं 15वें वित्त आयोग के लिए बजट अनुमान को प्राथमिकता में रखा जाएगा। इसके बाद केंद्र प्रवर्तित, केंद्र क्षेत्रीय योजनाओं के लिए बजट प्रावधान को प्राथमिकता मिलेगी, इसके बाद राज्य योजनाओं के लिए बजट अनुमान को प्राथमिकता मिलेगी, जिसमें राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के विभाग की मुताबिक योजनाओं को प्राथमिकता क्रमं में निर्धारित किया जाएगा।

इस तरह रहेगा बजट को लेकर कार्यक्रम

बजट तैयार करने के लिए 21 मई से 5 जून तक प्राप्तियों और व्यय के बजट के प्रस्तावों पर विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी।  6 से 17 जून तक प्राप्तियों तथा व्यय के बजट के प्रस्तावों पर एसीएस, पीएस, सचिव के साथ चर्चा होगी। वही 7 जून को राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रस्तुत होने वाले विवरण की जानकारी विभागों से प्राप्त होने की अंतिम तिथि रखी गई है। वित्त विभाग के भारसाधक मंत्री के बजट भाषण हेतु सामग्री प्राप्त होने की अंतिम तिथि 10 जून है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में की गई भूमि आवंटन रियायती तथा 31 मार्च 2024 तक बकाया गारंटी की जानकारी की वित्त विभाग में प्राप्ति की अंतिम तिथि 20 जून रखी गई जै।