हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व है. माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है. वहीं, आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा के बाद सावन शुरू हो जाता है. गुरु पूर्णिमा पर खासकर गुरु की पूजा का महत्व माना गया है. इस दिन गुरु पूजा से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. लेकिन, इस बार गुरु पूर्णिमा की तारीख को असमंजस है. तो आइए जानें गुरु पूर्णिमा की सही तिथि…

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुद्गल ने Local 18 को बताया कि इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा की तिथि 21 जुलाई है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और शिव की पूजा करनी चाहिए. साथ ही चंद्रदोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन चंद्रमा की भी पूजा की जाती है. पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर सत्यनारायण कथा सुनने और पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु की पूजा अवश्य करनी चाहिए. इससे जीवन पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है.

 

कब से शुरू हो रही पूर्णिमा तिथि
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 20 जुलाई शाम 6 बजकर 12 मिनट पर होगी. वहीं, तिथि का समापन अगले दिन 21 जुलाई को शाम 3 बजकर 46 मिनट पर होगा. क्योंकि शुक्ल पक्ष में उदया तिथि का महत्व ज्यादा रहता है तो 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. साथ ही इस दिन कई शुभ योग का भी निर्माण होने जा रहा है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, प्रीति योग, विषकुंभ योग का निर्माण होगा, जो बेहद शुभ माने जाते हैं.


गुरु को दान अवश्य दें
गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ दान अवश्य करना चाहिए. इसके साथ ही अपने-अपने गुरुओं की भी पूजा कर कुछ न कुछ दान करें. इससे जीवन पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है.