ड्राइवरों की हड़ताल खत्‍म होने के बाद रायपुर में सब्जियों की स्थानीय आवक होने से उनके दाम में कमी आ गई। ड्राइवरों की हड़ताल के चलते सब्जियों की बाहरी आवक बीते दो दिनों में लगभग 70 प्रतिशत तक घट गई थी। इसके चलते सब्जियों की चिल्हर कीमतों में जबरदस्त तेजी आ गई थी।

मंगलवार को 400 रुपये कैरेट में बिकने वाला टमाटर बुधवार को 200 रुपये कैरेट हो गया। वहीं लौकी थोक में छह से आठ रुपये किलो और मिर्ची 70 रुपये किलो से घटकर 40 रुपये किलो हो गई। इसके साथ ही पत्ता गोभी, कुम्हड़ा, बरबट्टी के भी थोक कीमतों में गिरावट आई है। हालांकि सब्जियों की चिल्हर की कीमतों में कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन सब्जियों की लोकल आवक को देखते हुए एक-दो दिनों में कीमतों में और गिरावट की उम्मीद है।

थोक सब्जी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष टी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि भले ही बाहरी आवक कमजोर है, लेकिन सब्जियों की लोकल आवक काफी अच्छी हो गई है। इसके चलते थोक कीमतों में गिरावट रही।

कुछ स्कूलों में नहीं चलीं बसें

बुधवार को भी कई स्कूलों में बसें नहीं चलीं। वहीं बहुत से क्षेत्रों के लिए सवारी बसें भी नहीं चलीं। बताया जा रहा है कि गुरुवार से सब कुछ सामान्य होने की उम्मीद है।

ईंधन न होने से कुछ पेट्रोल पंप रहे सूखे

ड्राइवरों की हड़ताल तो मंगलवार रात समाप्त हो गई है, लेकिन अभी स्थिति सामान्य होने में एक-दो दिनों का समय लगेगा। बुधवार को भी पचपेड़ी नाका, जेल रोड सहित कुछ अन्य क्षेत्रों के पेट्रोल पंपों में ईंधन की आपूर्ति नहीं हो पाई, जिसके चलते यहां पेट्रोल-डीजल नहीं मिला। हालांकि बहुत से पेट्रोल पंपों में ईंधन की आपूर्ति होने से उपभोक्ताओं को परेशान नहीं होना पड़ा। गुरुवार तक स्थिति और सुधरने की उम्मीद है।